बदायूं –महिला अस्पताल में संचालित एसएनसीयू में वेंटिलेटर न मिलने से चार नवजातों की शनिवार सुबह मौत हो गई। इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध न हो पाने से महीने में 25 से 30 नवजात दम तोड़ रहे हैं। आठ से दस बच्चों को हर रोज अलीगढ़ व सेफई के लिए रेफर किया जा रहा है।
दातागंज के मोहल्ला परा निवासी धर्मपाल ने अपनी पत्नी प्रेमलता को पांच जून के लिए महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। देर शाम उसने बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का वजन 780 ग्राम था। बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। दूसरे दिन छह जून को डॉक्टर ने वेंटिलेटर की आवश्यकता बताकर बच्चे को रेफर करने की बात परिजनों से कही, लेकिन परिजन रेफर कराने को तैयार नहीं हुए। शनिवार की सुबह बच्चे की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं मौजूद स्टाफ के भी हाथ पांव फूल गए। परिजन हंगामा करते कि वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने बच्चे को परिजनों को साैंपकर घर भेज दिया।
बाइट – संदीप वार्ष्णेय एस एन सी यू प्रभारी बदायूं
दातागंज के कस्बा समरेर निवासी विपिन ने अपनी पत्नी रेनू चार जून को महिला अस्पताल में भर्ती कराया। उसने रात में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। पांच जून को दोनों बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती करा दिया। दोनों बच्चों का वजन कम था। दोनों को वेंटिलेटर की आवश्यकता थी लेकिन अस्पताल में न तो वेटिंलेटर है और न ही सीपैप की व्यवस्था है। परिवार के लोग इलाज करा रहे थे कि शनिवार सुबह दोनों नवजातों की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने इलाज में कोताही बरतने का आरोप स्टाफ पर लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
शोर सुनकर वहां तैनाता सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंच गए और परिजनों को शांत किया। बच्चों को परिजनों को सौंप कर घर भेज दिया। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चो के परिजनों को बता दिया गया था कि हायर सेंटर रेफर करा लो मगर वो लोग तैयार नहीं हुए अभी और भी कई बच्चे गंभीर हालत मे हैँ।
रिपोर्ट शाज़ेब खान चीफ एडिटर