सम्भल – उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद में श्री हरिहर मंदिर होने का दावा कोर्ट में पेश किया गया है। मंगलवार को हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु जैन ने ये दावा पेश किया है। इस पर कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्निंग का आदेश दिया है। इसके तहत विवादित मामले को स्पष्ट करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की जाएगी। जिसके बाद सर्वे का काम शुरू हो सकेगा।
16वीं शताब्दी का निर्माण ?
जानकारी के अनुसार, जामा मस्जिद संभल शहर के मध्य में स्थित है। मुस्लिम समुदाय के लिए ये ऐतिहासिक स्थल है। बताया जाता है कि इसे मुगल काल के दौरान 16वीं शताब्दी के आसपास बनाया गया था। हालांकि, इसके निर्माण को लेकर चर्चाएं होती रही हैं। हिंदू पक्ष का मानना है कि यहां श्री हरिहर मंदिर मौजूद था। जिसे बाद में मस्जिद में तब्दील कर दिया गया।
यह किया गया है दावा- बता दें कि हिंदू पक्ष की पैरवी कर रहे विष्णु शंकर जैन वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के पुत्र हैं। पिता-पुत्र इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की पैरवी कर चुके हैं। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है कि ये हमारी आस्था का केंद्र है। हमारे विश्वास और मान्यताओं के अनुसार, इसी जगह पर दशावतार में से कल्कि अवतार होना है। बाबर ने 1529 में इसी जगह को तोड़कर मस्जिद के रूप में कन्वर्ट कर दिया था। उसी के लिए ये दावा पेश किया गया है। विष्णु शंकर जैन का ये भी कहना है कि ये एक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ASI प्रोटेक्टेड एरिया है। इसलिए यहां किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता है। यहां पर ऐसे कई चिह्न मौजूद हैं। जिसमें मंदिर होने के सबूत हैं। इसलिए हमने दावा पेश किया है। बकौल जैन, इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सिविल जज सीनियर डिविजन संभल ने ये आदेश पारित किया है कि वहां एडवोकेट कमीशन जारी हो। ताकि वे वहां पर सर्वे कर वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के जरिए अपनी रिपोर्ट दाखिल करें।
क्या होता है कल्कि अवतार – कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और आखिरी अवतार माना जाता है। माना जाता है कि कलयुग के अंत में भगवान विष्णु “कल्कि अवतार” लेकर फिर से धर्म की स्थापना करेंगे। मान्यता है कि उनका जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को होगा।