यूपी के बदायूँ में यूरिया खाद की काला बाज़ारी कर, दुकानदारों की बल्ले बल्ले

ताज़ा ख़बर देश विदेश

खाद की कालाबाजारी: यूरिया खाद 267 की जगह किसानों को 400-500 रुपए में बेच रहे दुकानदार, वहीं दूसरी ओर कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर नकेल कसने में ज़िम्मेदार विभाग, शासन और प्रशासन विफल होता दिखाई दे रहा है, रजिस्टर्ड दुकानदार किसानों के साथ छल करके ब्लैक में 50 रुपये से 100 रुपये तक का प्रॉफिट रखकर फुटकर दुकानदारो को दे रहे हैं फिर फुटकर दुकानदार मोटे प्रोफिट पर बेच कर मालामाल हो रहे हैं।

बदायूँ में यूरिया खाद की कालाबाजारी जोरों पर है। इस पर विभाग अंकुश नहीं लगा पा रहा है। वहीं कार्रवाई नहीं होने से दुकानदार यूरिया के अवैध गोरखधंधे में जुटे हुए हैं। ऐसे में किसान यूरिया लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। यूरिया के थोक विक्रेता ग्रामीण इलाकों के दुकानदारों को महंगे दाम पर अवैध तरीके से यूरिया बेच रहे हैं। इसके बाद गांव में फुटकर दुकानदार किसानों को 400 से 500 रुपए प्रति बोरी के रेट पर यूरिया बेच रहे हैं। जबकि शासन ने किसानों के लिए 267 रुपए प्रति बोरी यूरिया का रेट तय किया है। यूरिया की बिक्री पॉश मशीन के माध्यम से किया जाना है। विभाग द्वारा रजिस्टर्ड दुकानों को पॉस मशीन आबंटित किया गया है। लेकिन थोक दुकानदार यूरिया लेने आए किसानों से छलपूर्वक पॉस मशीन में यूरिया की अधिक संख्या दर्ज कर कालाबाजारी कर रहे हैं।

बदायूँ जिले व उसकी सभी तहसीलों में यूरिया खाद की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में की गई है, लेकिन निजी दुकानदार थोक में यूरिया लेने के बाद उसे किसानों को न बेचकर बिचौलियों को बेच रहे हैं। बिचौलिए गांव ले जाकर किसानों को 267 रुपए की यूरिया 400 से 500 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से बेच रहें हैं। ऐसे में किसानों को सही दाम पर यूरिया नहीं मिल पा रहा है। वहीं सरकारी समितियों से सिर्फ उन्हीं किसानों को यूरिया मिल रहा है, जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन ले रखा है। लेकिन नगद में यूरिया खरीदने वाले किसानों को दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यूरिया की कीमत अधिक होने के कारण किसान शहर पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां भी उनके हाथ कुछ नहीं लग रहा, क्योंकि शहर के थोक विक्रेता पहले ही कालाबाजारी कर गोदामों में अवैध रूप से यूरिया स्टोर करके रखे हुए हैं।