MHA ने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिएअपनाया कड़ा रुख, सुरक्षा बलों को ज़रूरी कदम उठाने के दिये निर्देश ।

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असम – राज्य में मई 2023 में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों बेघर हो चुके हैं। हिंसा इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती समुदाय और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जो समुदाय के बीच शुरू हुई थी। जिरीबाम जिला शुरू में इस संघर्ष से प्रभावित नहीं था। लेकिन जून 2024 में एक किसान का शव मिलने के बाद इस जिले में भी हिंसक झड़पें शुरू हुईं।

मणिपुर सरकार ने एक अक्तूबर को राज्य के अधिकांश हिस्सों में अफस्पा लागू कर दिया था। हालांकि, उस समय 19 थाना क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया था, जिनमें ये छह थाना क्षेत्र भी शामिल थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने नई अधिसूचना में इन छह थाना क्षेत्रों को भी शामिल किया है। जिन 19 थाना क्षेत्रों को अफस्पा से बाहर रखा गया था, उनमें इंफाल, लंफाल, सिटी, सिंजामेई, सेकमई, लमसांग, पटसोई, वांगोई, पोरोमपट, हेइंगंग, लमलाई, इरिलबुंग, लेइमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, ककचिंग और जिरीबाम शामिल थे।

गृह मंत्रालय ने कहा कि हिंसक और बंटवारे वाली गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जबकि कई अहम मामलों की जांच एनआईए को सौंपी गई है। इसके साथ ही मंत्रालय ने लोगों से शांति बनाए रखने, अफवाहों पर विश्वास न करने और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों का सहयोग करने के लिए कहा है। इसके लेकर गृह मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से मणिपुर की स्थिति पिछले कुछ दिनों से नाजुक है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हो रहे संघर्ष में लगातार दोनों समुदायों के सशस्त्र उपद्रवी शामिल हो रहे हैं। इससे लोगों को भी जान माल का खतरा बना हुआ है। साथ ही सार्वजनिक व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।