अपहृत फार्मासिस्ट शाकिर का सुराग नहीं:बदायूं में हेल्थवर्कर करेंगे दो घंटे का कार्य बहिष्कार, काली पट्टी बांधकर बांटी दवा। स्टाफ ने काली पट्टी बांधकर काम किया।
बदायूं के जिला अस्पताल में कार्यरत फार्मासिस्ट शाकिर अली अपहरण कांड में पुलिस 23 दिन बाद भी खाली हाथ है। इधर, स्वास्थ्यकर्मियों में इसको लेकर गुस्सा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। आखिरकार शनिवार को वो दिन आ ही गया, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया, जबकि अब प्रशासन की टेंशन बढ़ने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है क्योंकि सोमवार से दो घंटे का कार्य बाहिष्कार कार्यक्रम जिलेभर में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले शुरू हो जाएगा।
शनिवार को भी जिला अस्पताल के फार्मासिस्ट्स के अलावा एलटी, नर्सेज व अन्य स्टाफ काली पट्टी बांधकर काम करते रहे। काली पट्टी इसलिए बांधी गई है, क्योंकि स्टाफ के साथी फार्मासिस्ट शाकिर अली का अपहरण हुआ है। 23 दिन से शाकिर का कोई पता नहीं लग सका है। जिस दिन शाकिर की नाइट ड्यूटी थी, उस दिन में वह दोपहर तक जिला अस्पताल में बताए गए, जबकि इसके बाद कोई पता नहीं लग सका। बताया जाता है कि उन्होंने परिवार वालों को फोन पर कहा था कि वो सहसवान एक दावत में जा रहे हैं।
जबकि उनकी गाड़ी लापता होने के तीसरे दिन राजकीय मेडिकल कालेज के पास खड़ी मिली।
ये रही पुलिस की कार्रवाई परिजनों ने पहले गुमशुदगी लिखाई, जबकि इसके बाद अपहरण की आशंका जताई। प्रापर्टी का विवाद भी बताया तो पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर युवती समेत तीन लोगों को जेल भेज दिया। जबकि चौथा नामजद फरार है। पुलिस ने जेल भेजने की कार्रवाई तो कर दी, लेकिन शाकिर का पता नहीं लग सका।
सोमवार से होगा दो घंटे का कार्य बाहिष्कार फार्मासिस्ट यूनियन के जिलामंत्री शिवम रस्तोगी ने बताया कि फिलहाल सोमवार से दो घंटे का कार्य बाहिष्कार किया जा रहा है। समय रहते शाकिर का पता नहीं लगा तो आंदोलन को गति देते हुए पूर्णकालिक बाहिष्कार से भी नहीं चूकेंगे। इसके लिए संगठन के पदाधिकारियों से विचार किया जाएगा। फिलहाल कोशिश यही है कि सिस्टम चेत जाए। केवल आश्वासनों का दौर चल रहा है। दवा वितरण का काम भी काली पट्टी बांधकर किया गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रदीप चतुर्वेदी, इम्तियाज, आर्येंद्र, दिनेश यादव आदि स्टाफ मौजूद रहा।
रिपोर्ट – मोनिका ठाकुर